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राजस्थान में सियासी उठापटक जारी, देर रात सीएम से मिली हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा

 प्रदेश में हाल ही में अजय माकन के दौरे के बाद अब हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा अचानक रविवार रात को जयपुर पहुंची जिसके बाद राजस्थान की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। कुमारी शैलजा की देर रात तक अशोक गहलोत से वार्ता चली। वह सुबह वापस दिल्ली रवाना हो गई।

डॉ सतीश पुनिया (Dr Satish Points Biography) का जीवन परिचय

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 राजस्थान बीजेपी (Rajasthan BJP) के 14वें प्रदेशाध्यक्ष (State president) के डॉ सतीश पूनिया (Satish Poonia) लंबे समय से संगठन (Organization) में सक्रिय हैं। वे संगठन में पूर्व में विभिन्न अहम पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। पूनिया वर्तमान में जयपुर (Jaipur) जिले की आमेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक (MLA) हैं। पूरा नाम: सतीश पुनिया जन्म: 20 दिसंबर, 1964 जन्मस्थान: चुरू (राजस्थान) पिता: सुभाषचन्द्र पूनिया माता: पत्नी: संतान:  शिक्षा: बीएससी, एमएससी, लॉ ग्रेजुएट, राजस्थान विश्वविद्यालय से पीएचडी 

समय ना लगाओ तय करने में - हिंदी सुविचार, Time Quotes in Hindi

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 Time Quotes in Hindi Video Status समय ना लगाओ तय करने में कि आपको क्या करना है वरना समय तय करेगा की आपका क्या करना है

शुभ प्रभात सुविचार संदेश - Shubh Prabhat Suvichar in Hindi

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 बोले गए शब्द ही ऐसी चीज है जिसकी वजह से इंसान या तो दिल में उतर जाता है या दिल से उतर जाता है Shubh Prabhat Suvichar 

बजरंगबली की आरती - Bajrangbali Aarti Lyrics in Hindi

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भगवान बजरंगबली की आरती (Bajrangbali Aarti Lyrics in Hindi) आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई। लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे। लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे। पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े। बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे। सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे। कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई। लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई। जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै। आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।  

हनुमान चालीसा - Hanuman Chalisa Lyrics, Doha, Chopai in Hindi

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  हनुमान चालीसा दोहा (Hanuman Chalisa Doha) श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।। हनुमान चालीसा चोपाई (Hanuman Chalisa Chaopai) जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।   रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।   महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।   कंचन बरन बिराज सुबेसा। कानन कुंडल कुंचित केसा।।   हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूंज जनेऊ साजै।   संकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग बन्दन।।   विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर।।   प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।   सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।   भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।   लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।   रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।   सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।   सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।